Classification of Computer

Classification of Computer

आज आधुनिक युग में कंप्यूटर का अपना एक विशिस्ट स्थान है । आज हमारे समाज का प्रत्येक अंग या तो कंप्यूटर द्वारा प्रभावित हो चूका है या तो हो रहा है । आज कंप्यूटर के बिना मनुष्य जीवन की कल्पना करना भी कठिन है प्रात: उठकर जिस अखबार को हम पढ़ते हैं, उसकी टाइप सैटिंग कंप्यूटर द्वारा होती है और देर रात तक जो हम टी.वी. पर कार्यक्रम देखते हैं, वे सभी कंप्यूटर द्वारा संयोजित किये जाते हैं । कंप्यूटर का वर्गिकरण निम्न प्रकार से किया जा सकता है –

  • कार्य की दृष्टि से कंप्यूटर का वर्गिकरण
  • तकनिकी दृष्टि से कंप्यूटर का वर्गिकरण
  • कार्य-विधि की दृष्टि से कंप्यूटर का वर्गिकरण

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Computerization in terms of functioning

विभिन्न प्रकार के कार्यों हेतु भिन्न-भिन्न प्रकार के कंप्यूटर प्रयोग में लाये जाते हैं । कंप्यूटर को कार्य के अनुरूप नाम देकर उसका वर्गिकरण किया जा सकता है –

  • General Purpose Computer

  • Special Purpose Computer

  • Machine in built Purpose Computer

  • User Friendly Computer

  • High Intelligent Machine

  • Knowledge Information Processing System

1.General Purpose Computer

General Purpose Computer द्वारा सामान्य प्रकार के सभी कार्य किये जा सकते हैं, चाहे वह विज्ञान वारिज्य इंजीनियरिंग अथवा शिक्षा आदि किस भी क्षेत्र से सम्बन्ध रखते हों विभिन्न प्रकार के कार्यों को एक ही कंप्यूटर से किया जा सकता है और ऐसा कंप्यूटर जिस पर यह सभी कार्य संभवत होते हैं, General Purpose Computer कहलाता है । इसका उदाहरण (I.B.M.-PC) है ।

2.Special Purpose Computer

जो कंप्यूटर सदैव एक जैसे कार्य करने के लिए बनाये जाते हैं उन्हें Special Purpose Computer कहा जाता है । इस प्रकार के कंप्यूटर में अधिक मेमोरी तथा अधिक तीव्र गति से कार्य करने की क्षमता होती है । Special Purpose Computer में कार्य अधिक कुशलता से होता है । साथ ही उसका मूल्य भी बहुत कम रहता है क्यूंकि उस कंप्यूटर से अनावश्यक भागो को निकाल दिया जाता है । जैसे अधिकांश गन्ना मीलों में  Special Purpose Computer का प्रयोग किया जाता है ।

3.Machine in built Purpose Computer

जब कंप्यूटर के मध्यम से यंत्रो को नियन्त्र करना होता है तो उस कंप्यूटर की आउटपुट विद्युत् सिग्नल्स के रूप  में बाहर निकल कर स्विच के माध्यम से उसे मशीनों के साथ जोड़ देते हैं । इस प्रकार के कंप्यूटर Machine in

built Purpose Computer कहलाते हैं । दूरभाष केन्द्रों में आटोमेटिक लाइन मिलाने के लिए, अस्पताल में ऑपरेशन एव जांच के उपकरणो को नियन्त्र करने के लिए एव अन्य कई प्रकार की मशीनों को कंट्रोल करने के लिए इस कंप्यूटर का प्रयोग करते हैं । कंप्यूटर के माध्यम से आखों की जाँच, इस मशीन का अच्छा उदहरण है ।

4.User Friendly Computer

वे कंप्यूटर जिनको सामान्य व्यक्ति भी ऑपरेट कर सकता है, चाहे उसे कंप्यूटर को ऑपरेट करना आता हो या न आता हो User Friendly Computer कहलाते हैं इस प्रकार के कंप्यूटर को भी एक विशेष विधि द्वारा बनाया जाता है जिससे यह ऑपरेटर को स्वयं ही संचालन के निर्देश एवं अन्य जानकारियां देते रहते हैं । यह सब जानकारियां कंप्यूटर की स्क्रीन पर प्रदर्शित होती रहती हैं । इस तरह के कंप्यूटर विद्यालयो में बच्चो को प्रशिक्षण देना अथवा कंप्यूटर पर मनोरंजन करने हेतु प्रयोग किया जाता है ।

5.High Intelligent Machine

इस प्रकार के कंप्यूटर का जटिल समस्याओ के समाधान एवं भारी मशीनों के संचालन के लिए प्रयोग किया जाता है । हाई intelligent मशीने एक प्रखर बुद्धि वाला कंप्यूटर है; रोबोट, रॉकेट, प्रत्येक आदि को जिसकी सहायता से संचालित किया जा  सकता है ।

6.Knowledge Information Processing System

अब तक के कंप्यूटर उसकी रैम में सुरक्षित प्रोग्राम की सहायता से कार्य करते हैं, उनमे अपनी कोई बुद्धि नहीं होती थी । परन्तु अब जापान में इस प्रकार के शोध किये जा रहे हैं जिससे कंप्यूटर में artificial brain का प्रयोग किया जा सके । इस प्रकार के कंप्यूटर का प्रथम अविष्कार जापान में किया गया जिसका नाम KIPS था । इस कंप्यूटर में विश्वा के सभी संभावित कार्य करने के लिए पहले से ही प्रोग्राम बनाकर इस कंप्यूटर में दे दिए गए हैं, जिसे हम कंप्यूटर की artificial brain कह सकते हैं । यह कंप्यूटर अभी तक बाज़ार में उपलब्ध नहीं हैं परन्तु शीघ्र ही उपलब्ध होने की संभावना है ।

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Computerization of Technology in terms of Technology

तकनिकी की दृष्टि से कंप्यूटर का वर्गिकरण

अब तक हमने कंप्यूटर का वर्गिकरण कंप्यूट के कार्यों के आधार पर किया । हम कंप्यूटर को तकनिकी दृष्टि जैसे – आकर, मेमोरी, गति के आधार पर वर्गिकृत भी कर सकते हैं । कंप्यूटर की तकीनीकी दृष्टि से चार भागों में बाटा जा सकता है —

  • Micro Computer

  • Mini Computer

  • Main Frame Computer

  • Super Computer

1.Micro Computer

यह कंप्यूटर आकर में बहुत छोटे होते हैं, परन्तु यह सभी कार्यों के लिए प्रयोग किये जा सकते हैं । माइक्रो कंप्यूटर में माइक्रोप्रोसेसर का प्रयोग किया जाता है, जिससे यह आकर में छोटे और सस्ते होते हैं । इन पर केवल एक ही व्यक्ति कार्य कर सकता है । एक बॉक्स में विडियो डिस्प्ले यूनिट माइक्रोप्रोसेसर चिपों एवं की-बोर्ड को लगाकर बनाये गए कंप्यूटर को माइक्रो कंप्यूटर नाम दिया गया है । चूँकि इस कंप्यूटर में माइक्रोप्रोसेसर का प्रयोग होता है एवं इनका आकर मेन फ्रेम कंप्यूटर की अपेक्षा अत्यंत सूक्ष्म होता है अतः इनको माइक्रो कंप्यूट कहा जाता है । जैसे लैपटॉप डेस्कटॉप इत्यादि ।

2.Mini Computer

यह कंप्यूटर आकर में तो माइक्रो कंप्यूट के समान होते हैं । इन्सका प्रयोग बैंको, फैक्ट्रीयों, बीमा कंपनियों आदि में हिसाब-किताब रखने आदि कार्यों में किया जाता है । इन कंप्यूटर की storage capacity , स्पीड एवं कार्य क्षमता माइक्रो कंप्यूट से अधिक और मेन फ्रेम से कम होती है । इस कंप्यूट के मुख्य भाग को एक बिल्डिंग में रखा जाता है एवं उसके साथ कई टर्मिनल जोड़ दिए जाते हैं । सामान्यत: एक मिनी कंप्यूट के साथ आठ अलग-अलग ऑपरेटर कार्य कर सकते हैं । इन कंप्यूट में लगभग सभी इनपुट आउटपुट डीवासेज जोड़ कर कार्य किया जा सकता है ।

3.Main Frame Computer

यह कंप्यूटर बहुत शक्तिशाली होते हैं अर्थात इन कंप्यूटर के storage capacity तथा speed माइक्रो कंप्यूटर तथा मिनी कंप्यूटर की तुलना में बहुत अधिक होती है । इन कंप्यूट का प्रयोग नेटवोर्किन्ग के लिए किया जाता है अर्थात इस कंप्यूटर पर बहुत से टर्मिनल जुड़े रहते हैं । तथा इन कंप्यूटर को कही भी रखा जा सकता है ।

4.Super Computer

यह कंप्यूट आधुनिक युग का सबसे शक्तिशाली कंप्यूट है । विश्व का सुपर कंप्यूट I.L.L.I.A.C  है । अंतरीक्ष, मौसम एवं प्र्योशालाओं की कारवाही के लिए speed के साथ-साथ यथार्थता की भी आवश्यकता होती है यह कंप्यूटर बहत आसानी से कर सकता है । इस प्रकार के कंप्यूटर में बहुत सी इनपुट और आउटपुट devise जोड़ी जा सकती हैं ।

25 मार्च 1989 को भारत में Cray-X MP-14 नमक प्रथम सुपर कंप्यूटर दिल्ली में स्थापित किया गया था । इसका प्रयोग मौसम एवं कृषि सम्बन्धी जानकारियों को प्राप्त करने के लिए किया गया । इसके बाद भारत ने भी कुछ समय पहले ही सुपर कंप्यूटर बनाने में सफलता प्राप्त कर ली है । जापान की कंपनी N.E.C.ने विश्वा का सर्वाधिक तीव्र सुपर कंप्यूटर बनाया जो एक सेकण्ड में 28 अरब गणनाए कर सकता है । इस कंप्यूटर का मूल्य 2 करोड़ 38 लाख डोलर होने की संभावना है ।

Computerization in terms of working method

(कार्य विधि की दृष्टि से कंप्यूटर का वर्गिकरण)

सामान्यत: आज अब हम कंप्यूटर के बारे में चर्चा करते हैं तो उसका मतलब होता है – इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल माइक्रो कंप्यूटर, जिसमे हम एक की-बोर्ड, एक मॉनिटर एवं एक प्रिंटर भी जुड़ा रहता है ।

इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर को निम्न वर्गों में बाटा जा सकता है —

  • Analog Computer

  • Digital Computer

  • Hybrid Computer

  • Optical Computer

  • Atomic Computer

(1). Analog Computer

ग्रीक भाषा के शब्द एनालोग का तात्पर्य है दो राशियों में साम्य स्थापित करना । Analog Computers में किसी भौतिक विधि अथवा राशी को इलेक्ट्रॉनिक परिपथों की सहायता से विद्युत् संकेतों में बदल कर लगातार प्रयोग लिया जाता है । Analog Computer का प्रयोग किसी भौतिक क्रिया का प्रारूप बनाकर उस क्रिया को लगातार जरी रखने के लिए निर्देश देने में किया जाता है इस प्रकार के कंप्यूटर शत-प्रतिशत शुद्ध परीणाम प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं, परन्तु इनसे लगभग 99 प्रतिशत तक शुद्ध परीणाम प्राप्त किये जा सकते हैं ।

(2). Digital Computer

सामान्यत: कंप्यूटर से आशय डिजिटल कंप्यूटर है । डिजिटल का तात्पर्य है अंक डिजिटल पद्धति में अंक अपने स्थान से विस्थापित हो सकते हैं डिजिटल कंप्यूटर प्राप्त होने वाली सभी प्रकार की सूचनाओ को binary digit में बदल कर कार्य करता है ।

डिजिटल कंप्यूटर की मेमोरी पर विभिन्न खानों में बाहरी कोड्स 0 एवं 1 के द्वारा स्विचिंग करके किसी भी अक्षर अथवा अंक की रचना की जा सकती है । जिस खाने में बाइनरी कोड । द्वारा सिग्नल पहुंचता है तो वह सक्रिय हो जाता है और जिस खाने में बाइनरी कोड 0 एवं 1 के अधर पर स्विचिंग करके अक्षरों को प्रदर्शित किया  है ।

डिजिटल कंप्यूटर सभी प्रकार की गणऩाए भले ही गुणा भाग अथवा घात क्यों न हो, गिनकर (जोड़ कर ) करता है । इस कंप्यूटर से प्रति सेकंड लाखों अथवा करोड़ो गाड़नाए हो सकने के कारण जटिल समस्याओं का हल जल्दी होता है तथा गणऩा का परीणाम शत-प्रति शत सत्य होता है । डिजिटल कंप्यूटर में अंकगणित गुण होते  हैं —

(3). Hybrid Computer

एनालॉग कंप्यूटर एवं डिजिटल कंप्यूटर के श्त्रेष्ट गुडों एवं विशेषताओं का समावेश करके Hybrid Computer का निर्माण  किया गया । ऐसा ही एक उपकरण रोबोट है जिसकी सहायता से लाखों कार्य आटोमेटिक रूप से किये जा रहे हैं । एनालॉग कंप्यूटर में किसी भी system के नियंत्रण के लिए एक ही क्षण में दिशा निर्देश प्राप्त हो जाते हैं और वह उस पर निरंतर कार्य करता है परन्तु इससे प्राप्त परीणाम  शत-प्रति शत शुद्द नहीं होते । अत: शत-प्रति शत शुद्द परीणाम प्राप्त करने के लिए इसके संकेतों को डिजिटल रूप में परिवर्तित कर लिया जाता है । इस कार्य के लिए कुछ विसेश यंत्रो का प्रयोग होता है, जिन्हें (Modem) जो की modular d-modular का लघु रूप है कहते है । Modem एनालॉग संकेतो को डिजिटल संकेतो में एवं डिजिटल संकेतो को  एनालॉग संकेतो में परिवर्तित करने का कार्य करता है । Hybrid Computer का प्रयोग एक सहायक कंप्यूटर की भांति किया जाता है जो मुख्या यंत्र का किसी भाग में लगा दिया जाता है ।

(4). Optical Computer 

पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर के विकास के क्रम में अब इस प्रकार के कंप्यूटर बनाये जा रहे हैं जिसमे एक भाग को दुसरे भाग में जोड़ने का काम ऑप्टिकल  फाइबर के बने तारों से किये जा रहा है । इन कंप्यूटर के गणना करने वाले भाग की Optical System पर बनाये जा रहे हैं । विद्युत् की गति 3 लाख प्रति सेकंड होने के कारण एक मीटर की दुरी तय करने में किसी भी विद्युती संकेत 3 नैनो सेकंड का समय लगता है । यूँ यह समय बहुत कम है लेकिन गणऩा इससे भी कम समय में करने के लिए बिना तार (Wire) के कंप्यूटर बनाने की गति अपेक्षाकृत अत्यंत तीव्र हो जाएगी 

(5). Atomic Computer

कानेंगी मेलोन विश्विद्यालय में Atomic Computer बनाने का कार्य प्रगति पर है । इन कंप्यूटर को आज के कंप्यूटर की अपेक्षा 10,000 गुनी क्षमता और गति वाला बनाने के प्रयास जारी हैं बक्ट्रियो हाडरोपसीन नमक प्रोटीन में 10,000 Gigabyte (1 Gigabyte=1000 Megabyte) जानकारी की जा सकती है और इसमें 10 पीको सेकंड (1 पीको सेकंड =1012 सेकंड) की क्षमता से कार्य लिया जा सकता है ।

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